मैं निर्दोष हूं सुहाना-कहानी
मैं निर्दोष हूं सुहाना- कहानी
"ये लड़की झूठ बोल रही है सर! मैंने इसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की।" अहम याचना कर रहा था।
"देखो भई! इस लड़की ने जबरदस्ती ही नहीं बल्कि रेप का इल्जाम तुम पर लगाया है! सबकुछ सच-सच बता दो, वर्ना मेडीकल जांच में तो सब सामने आ ही जायेगा।" सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर अहम से बोले।
"सर! इस लड़के को सख़्त से सख़्त सज़ा दीजियेगा ताकि अन्य किसी लड़की के साथ ये ऐसा घिनोना काम करने की कभी भी न सोच सके।" सकीना नाम की युवती पुलिस सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर से बोली।
पुलिस थाने में भीड़ जमा हो गयी। पत्रकारों का जमावड़ा पीड़ीत युवती का साक्षात्कार लेने को आतुर दिखाई दे रहा था। किन्तु पुलिस के जवानों ने उन्हें बाहर ही रोके रखा था।
इतने में एक अन्य युवती भीड़ को चीरते हुये पुलिस स्टेशन में दाखिल हुई।
"मेरा नाम सुहाना है और अहम मेरा मंगेतर है। दो महिने पहले ही हमारी सगाई हुई है।" सुहाना सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर से बोली।
"देखीये मैडम! आपके मंगेतर पर रेप का इल्जाम लगाया गया है। हम चार्जशीट बना रहे है, अब कोर्ट के फैसले के बाद ही कुछ होगा।" सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर ने सुहाना से कहा।
"सर! एक निजी बात बताना मैं यहाँ आवश्यक समझती हूं। अभी कुछ दिनों पहले मैंने स्वयं अहम को इंटीमीट होने का ऑफर दिया था मगर अहम ने साफ मना कर दिया। जब वह शादी के पूर्व अपनी मंगेतर के साथ संबंध बनाने से इंकार कर सकता है तब वह किसी अनजान युवती के साथ रेप कैसे कर सकता है?" सुहाना बोली।
सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर के साथ उपस्थित पुलिस के जवान और अन्य लोग सुहाना कि इस साहसिक अभिव्यक्ति पर आश्चर्यचकित थे।
सुहाना के कानों में अहम द्वारा उसे फोन पर कहा एक ही वाक्य गूंज रहा था जिसमे वह कह रहा था 'मैं निर्दोष हूं सुहाना!'
सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर ने सकिना को मेडीकल हेतू जिला चिकित्सालय चलने का इशारा किया। सकिना के हाव भाव बदले हुये थे। वह एकांत में सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर से बतियाना चाहती थी। सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर उसे लेकर अपने केबिन में चले गये।
सुहाना के साहसी कदम पर अहम भी गदगद था।
कुछ ही पल में सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर ने अहम की मंगेतर सुहाना को अपने केबिन में मिलने बुलाया।
तब तक सकीना केबिन से बाहर आ चूकी थी।
अब वह अहम से धीमी आवाज़ में बोली- "अब भी समय है। मुझे दो लाख रूपये दे दो। मामला यही रफा-दफा हो जायेगा।"
"यदि मैंने कुछ गल़त किया होता तब भी मैं तुम्हें एक फूटी कौड़ी नहीं देता क्योंकी तब इसकी सज़ा मुझे कानून देता। अब की जब मैं निर्दोष हूं तो तुम्हें दो लाख रूपये किस बात के दूं?" अहम बोला।
सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर और सुहाना भी केबीन से बाहर आ गये।
"हवलदार राधा! इस झूठी लड़की सकीना को गिरफ्तार कर लाॅकअप में डाल दो। इस पर एक शरीफ युवक पर झूठा बलात्कार का केस लगाने की धमकी देकर पैसे ऐंठने के आरोप सिध्द होता है। चार्ज शिट बनाकर सकीना को आज ही कोर्ट में पेश करिये।" सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर ने निर्देश दिया।
सुहाना का विश्वास जीत गया था। अंदर केबीन में सब इंस्पेक्टर नंदकिशोर ने उसे बताया कि सकीना उन्हें एक लाख रुपये की रिश्वत देने की कोशिश कर रही थी। जब वे नहीं माने तब सकीना ने अहम को समझौता करने की सलाह दी। अहम निर्दोष था अतः वह अपनी मोबाइल शाॅप पर ग्राहक बनकर आई सकीना की धमकियों से नहीं डरा। सकीना मोबाइल शाॅप पर अहम से पहली बार मिली थी जहां वह पुराना और खराब मोबाइल लेकर पहूंची थी। उसने चिल्ला-चिल्लाकर दुकान पर भीड़ जमा कर ली थी क्योंकि अहम पुराने मोबाइल के बदले उसे नया मोबाइल देने से मना कर रहा था। सकीना ने पहले ही अहम से कह दिया था कि या तो इस खराब मोबाइल के बदले नया स्मार्ट मोबाइल उसे दे दे या वह रेप का झूठा केस अहम पर लगाकर उसे जेल भिजवा देगी। अहम तब भी टस से मस नहीं हुआ था। उसने हालातों से समझौता नहीं किया बल्की अंत समय तक जुझता रहा।
अहम पुरे सम्मान के साथ पुलिस स्टेशन से बाहर निकला। मोबाइल शाॅप की शटर उठाकर दोगुने उत्साह के साथ वह पुनः दुकान संचालन में व्यस्त हो गया।
समाप्त
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Bhut khoob
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