बदचलन-कहानी

 बदचलन-कहानी

       पुरूषों के इतिहास में संभवतः यह पहला मामला था जब किसी युवति ने युवक की बदचलनी के कारण उसके साथ शादी करने से इंकार कर दिया गया हो। प्रफुल्ल विधूर था। पत्नि रीमा के असामयिक निधन के बाद वह एकदम अकेला पड़ गया। अविवाहित करीना ने जब प्रफुल्ल से शादी करने की सहमति दी तब वह प्रसन्नता से खिल उठा। उसे अपना परिवार बसाने का एक मौका पुनः मिला था जिसे प्रफुल्ल ने स्वीकार करने में जरा भी देर न की। करीना के सुखद वैवाहिक सपने उस समय टूटकर चकना चूर हो गये जब वैभवी ने उसके होने वाले पति प्रफुल्ल के साथ अपना अफेयर स्वीकार किया। करीना को प्रफुल्ल के भुतकाल को जानने की जिज्ञासा हुई। उसने स्वयं ही खोज आरंभ कर दी।

सोशल मीडिया पर प्रफुल्ल की महिला मित्रों से करीना ने जाँच-पड़ताल की। आयशा, कोइना और प्रिया ने भी वही सच स्वीकार किया जो वैभवी ने किया था। प्रफुल्ल सभी लडकियों को चीट कर रहा था। आयशा को शादी के लिए हां कहकर प्रफुल्ल मुकर गया था। कोइना को तो ये भी पता नहीं था कि प्रफुल्ल पहले से शादी-शुदा है। प्रिया ने बहुत मान-मनौव्वल के बाद प्रफुल्ल का प्रेम प्रस्ताव स्वीकृत किया था। चारों लड़कीयों की आप बीवी सुनकर करीना के कान खड़े हो गये। ऐन सगाई के वक्त उसने प्रफुल्ल को बदचलन कहकर सगाई की रस्म निरस्त करवा दी। प्रफुल्ल सगाई स्थल से लेकर बैरंग लौट गया।

अगले दिन प्रफुल्ल को अपने घर आया देखकर करीना स्तब्ध थी। उसके परिवार के सदस्य भी वहां उपस्थित थे। प्रफुल्ल को एक अंतिम बार सुनना सभी की मजबूरी थी।

"वैभवी और मेरी फ्रेंड्सशिप आपसी सहमति की थी। मैंने कभी उसकी अवज्ञा नहीं की। जरूरत से ज्यादा मिलने-जुलने के कारण मैंने उसे रोका जिससे वह मुझे नाराज़ रहने लगी। फलतः हम एक-दंसरे से दूर हो गये।" प्रफुल्ल ने बताया।

करीना मौन खड़ी थी। उसके माता-पिता प्रफुल्ल की बातों में रुचि ले रहे थे।


"आइशा और मेरे बीच विवाह पर सहमति बनी थी यह बात सच है किन्तु मुझे जब पता चला कि उसने अपने पुर्व प्रेमी को मेरे कारण छोड़ दिया क्योंकी कॅरियर में वह मुझसे कम सफल और अपेक्षाकृत कम धनवान है, तो मैंने भी आइशा से विवाह करने के मना कर दिया।"


"कोइना को मैंने अपने पूर्व शादी शुदा होने की जानकारी इसलिए नहीं दी क्योंकी उसने भी मुझसे यह बात छिपाई थी कि उसे न केवल प्रेम में धोखा मिला अपितु यौवानावस्था के चरम पर वह कुंवारी मां बन चूकी थी। परिणाम स्वरूप उसे न चाहते हुये भी अपने एक दिन के बच्चें को कचरे ढेर में फिकवाना पड़ा।" प्रफुल्ल ने बताया।


"प्रिया को अपने रुप सौन्दर्य पर आवश्यकता से अधिक अभिमान था। उसके सामने किसी अन्य की उपस्थिति नगण्य थी। प्रिया को सिर्फ अपनी प्रशंसा सुनना पसंद था। उसे अपनाना मेरा वश में न था क्योंकि मैं उसके योग्य नहीं था। मुझसे झूठी चापलूसी नहीं हो सकती थी।" प्रफुल्ल बोला।


"यह सब सुनने के बाद भी यदि आपको लगता है कि मैं बदचलन हूं तो हां! मैं बदचलन हूं। मुझे अपनी सफाई में इससे अधिक कुछ नहीं कहना।" इतना बोलकर प्रफुल्ल वहां से चला गया।


प्रफुल्ल की बातों ने करीना को उन तथ्यों की पुनः जांच करने पर विवश कर दिया जिनके आधार पर उसने प्रफुल्ल को बदचलन का तमगा दे दिया था। इस पुर्नजांच में करीना ने पाया की प्रफुल्ल एक दम सही था।


'प्रफुल्ल समूचित योग्य लड़की की खोज में था जिससे विवाह कर सके। इसीलिए उसने विभिन्न लड़कीयों से संपर्क बढ़ाये। उचित मिलान न होने की दशा में प्रफुल्ल ने उनसे किनारा कर लिया, इसमें प्रफुल्ल का कोई दोष नहीं है। मनवांछित वर की अभिलाषा किसे नहीं होती?' करीना सोच रही थी।


परिवार का सहयोग पाकर करीना ने अपनी भूल सुधारने का निश्चय कर लिया। प्रफुल्ल को साॅरी बोलने और उसे अपनाने के लिए वह प्रफुल्ल के घर की ओर चल पड़ी।


समाप्त

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जितेन्द्र शिवहरे (लेखक/कवि)

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