माता पूजन- लघुकथा
माता पूजन- लघुकथा
सचिन को छोड़ अन्य तीनों भाईओं और उनकी पत्नीयों ने गांव जाकर नवमी पूजने की पूरी तैयारी कर ली थी। सचिन के शुष्क व्यवहार पर सभी नाराज थे। शायद इसीलिए उसकी अभी तक शादी नहीं हो सकी थी। 'आखिर सचिन गांव क्यों नहीं जाना चाहता?' सभी जानना चाहते थे।
'कुल देवी पूजने की परम्परा सचिन किसी भी कारण से तोड़ नहीं सकता।' मंझले भाई की बीवी ने हुंकार भरी।
अन्य सभी उसके साथ थे।
अतंतः सचिन ने चूप्पी तोड़ी।
'मैं अपनी बीमार मां को छोड़कर माता पूजने गांव नहीं जाऊंगा।'
लेखक-
जितेन्द्र शिवहरे इंदौर
8770870151
Bahut hi badiya Sunder sabse badi Puja MAA ki seva hi hai sir
जवाब देंहटाएं