शाॅर्ट लिस्ट of लाइफ पार्टनर
शाॅर्ट लिस्ट of लाइफ पार्टनर
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(कहानी)
✍️जितेन्द्र शिवहरे
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शाम की चाय में आज पहले जैसा सुकून नहीं था। बेचैनी और थोड़ी-बहूत घबराहट मिष्ठी के चेहरे पर कब्जा जमा चुकी थी। किसे चुने और किसे रिजेक्ट करें? आज यह सवाल उसे बहुत परेशान कर रहा था।
बढ़ती उम्र और फैमेली के दबाव में आकर मिष्ठी ने चार युवकों के प्रपोजल्स के बाद वेद और समर्थ को शार्ट लिस्ट किया था। अब इन्हीं दो युवकों में फायनल जंग होनी थी। असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर मिष्टी के लिए कोई काम कभी मुश्किल नहीं था। मगर खुद के लिए एक बेहतर जीवनसाथी चुनना उसके लिए आज बहुत बड़ी चुनोती थी।
वेद जहां ऑफिस में एम डी था वही समर्थ ए एम डी। वेद पद और रूदबे में समर्थ से कहीं ज्यादा श्रेष्ठ था। मगर समर्थ को इग्नोर करना मिष्ठी के लिए इतना आसान नहीं था।
ऑफिस में जब समर्थ नया-नया था तब वह मिष्ठी से प्रभावित हुये बिना नहीं रह सका। जल्द ही उसने मिष्ठी को अपने दिल की बात बता दी।
"मुझे अपने दिल की बात कहने वाले आप चौथे लड़के है समर्थ!" मिष्ठी ने समर्थ से कहा। लंच टाइम में दोनों साथ में खाना खाने बैठे थे।
"इससे कोई फर्क नही पड़ता। आप किसे एक्सेप्ट करती है वह इंम्पोर्टेंट है।" समर्थ बोला।
"तो बताईये! आप क्या कर सकते है मेरे लिए?" यह मिष्ठी का फेवरीट प्रश्न था।
"मतलब?" समर्थ ने पूंछा।
"मतलब ये कि मैं आपके प्रपोजल को क्यों एक्सेप्ट करूं? जबकि आपसे बेहतर ऑप्शन मेरे पास है?" मिष्ठी ने समझाया।
"इट मिन्स मुझे एक्जाम देनी होगी?" समर्थ ने आगे कहा।
"ऐसा ही समझ लीजिए।" मिष्ठी बोली।
"साॅरी! मुझे अपना और आपका तमाशा नहीं बनाना। मैं अपना प्रपोजल वापिस लेता हूं।" समर्थ ने उठते हुए कहा।
"इतनी जल्दी हार मान गये?" मिष्ठी ने इतराते हुये कहा।
"ऐसा ही समझ लिजिए।" कहते हुये समर्थ वहां से चला गया।
समर्थ का यह इंकार मिष्ठी की बैचैनी का कारण बना। जिस चापलूसी और गिड़गिड़ाहट की उम्मीद वह पाले बैठी थी, वह समर्थ में कहीं नहीं दिखी। समर्थ की स्पष्टवादिता से ऑफिस में हर कोई प्रभावित था। आज मिष्ठी भी उसकी इसी बात की कायल हो गयी।
समर्थ और मिष्ठी जिस प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहे थे वह वेद का ड्रिम प्रोजेक्ट था। इस टेंडर को हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता था। वेद हर संभव कोशिश कर रहा था जिससे की टेंडर उसी की कम्पनी को मिले। टेडंर देने वाली कम्पनी के सामने समर्थ और मिष्ठी को प्रेजेन्टेशन देना था। शहर की फाइव स्टार होटल में सब कुछ ठीक चल रहा था। लगभग वेद की कम्पनी को टेंडर मिलने ही वाला था लेकिन ऐसा कुछ हुआ कि समर्थ वहां से उल्टे पैर लौट आया। कम्पनी की सी एम डी मिसेस राजपाल को यह नागंवार गुजरा और उन्होंने ने वेद की कम्पनी को टेंडर देने से साफ इंकार कर दिया।
"आखिर तुमने मिसेस राजपाल की मांग क्यों नहीं मानी? जब हमारा सबकुछ बिजनेस ही है तो फिर वह छोटी-सी मांग को भी बिजनेस समझकर तुमने पूरा क्यों नहीं किया?" वेद नाराज था। वह समर्थ पर बूरी तरह बरस रहा था।
"सर! इस तरह की मांग आपको जायज लग रही है, क्योंकि मैं एक पुरुष हूं और इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यदि यही मांग हमारे ऑफिस की किसी लेडी एम्लाई से की जाती तो क्या तब भी आप इसे सही ठहराते?" समर्थ बोला।
वेद का चेहरा लटक गया। मिष्ठी को समर्थ पर गर्व होने लगा था।
"समर्थ! तुम्हारे कारण हमारी कम्पनी को पांच सौ करोड़ का नूकसान हुआ है! इसकी पनीचमेंट तुम जानते हो?" वेद ने पूंछा।
"सर! मेरे कारण कम्पनी को पांच सौ करोड़ का नुकसना हुआ है और विश्वास कीजिए मेरे ही कारण कम्पनी को आगे पांच हजार करोड़ का फायदा भी होगा।" समर्थ ने जवाब दिया।
अब वेद का रियेक्शन क्या होगा मिष्ठी यह जानने को आतुर थी?
"तुम मेरी जगह होते और मैं तुम्हारी जगह होता तब तुम क्या करते समर्थ?" वेद ने पूंछा।
"मैं आपको तुरंत नौकरी से निकाल देता सर।" समर्थ निडर होकर बोला।
वहीं खड़ी मिष्ठी चाहती थी की समर्थ इसी ऑफिस में रहे। यह बात वेद भांप चूका था।
"समर्थ! पांच सौ करोड़ के लिए कंपनी को मिलने वाले पांच हजार करोड़ के फायदे को मैं नहीं ठुकरा सकता।" वेद ने मुस्कुराते हुए कहा।
समर्थ को उसकी जाॅब फिर से मिल गयी। इस बात से सबसे ज्यादा खुश मिष्ठी थी।
"समर्थ! क्या अब हम दोनों अपने रिश्तें को आगे बड़ा सकते है?" मिष्ठी ने पूंछा।
"मीन्स?" समर्थ ने पूंछा।
"मीन्स क्या हम दोनों शादी कर सकते है?" मिष्ठी बोली।
"ये पूंछ रही हो या बता रही हो?" समर्थ ने पूंछा।
"मुझे प्रपोज करना नहीं आता समझें!" मिष्ठी ने हिचकिचाते हुए कहा।
"देखो मिष्ठी! अब यह पाॅसिबल नहीं है। क्योंकि वेद सर तुमसे बहुत प्यार करते है और ऑफिस में ये सभी जानते है।" समर्थ जाने लगा।
"तो ठीक है! अब मैं वेद सर से ही शादी करूंगी। तुम भी यहीं चाहते हो न?" मिष्ठी तेस में आ गयी थी।
अचानक से वेद का वहां आ जाना उन दोनों को समझ नहीं आया।
"मिष्ठी और समर्थ! यूं बाॅथ आर डोन्ट वरी। तुम दोनों दिल ही दिल में एक दुसरे से प्यार करते हो ये बात मुझे पहले से पता थी। आज दोनों को इस तरह झखड़ते हुये देखकर मुझे यकिन हो गया है कि तुम दोनों एक दुसरे के लिए ही बने हो।" वेद बोला।
वेद की बातें सुनकर समर्थ के पास खड़ी मिष्ठी भी हैरत में थी।
"और हां! मिष्ठी, अपनी शाॅर्ट लिस्ट में से मेरा नाम काटकर समर्थ का नाम फायनल कर देना। ठीक है।" वेद बोला।
तीनों मुस्कुरा दिये।
एक के बाद एक-एक कर के ऑफिस एम्पलाई वहां जमा हो गये। वे सभी तालियाँ बजाकर मिष्ठी और समर्थ को बंधाईयां दे रहे थे। शर्म के मारे मिष्ठी समर्थ की बाहों में छिप गयी।
लेखक-
जितेन्द्र शिवहरे
8770870151
7746842533
So sensitive and interesting. Keep it up
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